भारत में निवेश के लिए यह सबसे बेहतर समय है ; उदय कोटक

मुंबई. एशिया के सबसे अमीर बैंकर कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक ने कहा कि विदेशी निवशकों के लिए भारत में निवेश करने का यह सबसे बेहतर समय है। विदेशी निवेशकों को भारतीय डिजिटल की कंज्यूमर सेगमेंट की कंपनियों में निवेश करना चाहिए, क्योंकि कोरोनोवायरस महामारी के बाद ये सेगमेंट सबसे ज्यादा शक्तिशाली हो रहे हैं। उदय कोटक ने ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक समिट में बातचीत में कहा कि मेरा मानना है कि आपको हमेशा उस वक्त निवेश करना चाहिए जब सब कुछ बहुत चैलेंजिंग लगे। ऐसे में इस समय भारत में निवेश करना आपके लिए सही फैसला हो सकता है। यह समय भारत में पैसा लगाने का सबसे अच्छा समय है।

मुकेश अंबानी को हुआ है फायदा
इस समय जब आधी आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही है। यूजर्स बढ रहे हैं। ई-कॉमर्स कंपनियां डिजिटल भुगतान को बढावा दे रही हैं। विदेशी निवेशक ई-कॉमर्स में निवेश में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहीं, एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने इस साल 20 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की और अपने टेक्नोलॉजी वेंचर जियो प्लेफार्म लि. में  33% हिस्सा फेसबुक इंक और Google सहित अन्य निवेशकों को बेच दिया। उनकी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने पिछले दो महीनों में निजी इक्विटी और सॉवरेन वेल्थ फंडों से 5.1 बिलियन डॉलर की रकम जुटाई है।

इन सेक्टर्स में निवेश करना फायदेमंद
उदय कोटक ने कहा कि भारत में निवेश करने के लिए सबसे सही सेक्टर डिजिटल कंपनी, ई-कॉमर्स, टेक्नोलॉजी कंपनी, फार्मा और कंज्यूमर सेगमेंट की कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर पहले से ही निवेश में वृद्धि देख रहा है। केकेआर एंड कंपनी ने कहा कि जुलाई में वह जे.बी. केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। वहीं, कार्लाइल ग्रुप ने भारतीय अरबपति अजय पीरामल के दवा बिजनेस में 20% हिस्सेदारी खरीदी है।

विदेशी निवेश के लिए अमेरिका के बाद भारत होगा पहली पसंद  
प्राइवेट इक्विटी कार्लाइल के रूबेनस्टीन ने कहा कि अगले दस वर्षों में अमेरिका के बाहर दुनिया में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी जगह निश्चित रूप से भारत और चीन होगी। हालांकि भारत के पास चीन की तुलना में बाहर से उतनी पूंजी नहीं थी, लेकिन मुझे लगता है कि अगले दस वर्षों में यह बदल जाएगा और भारत को विदेशी पूंजी के लिए निवेश करने के लिए एक आकर्षक स्थान के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में निजी बैंकों की बाजार हिस्सेदारी आनेवाले समय में बढ़कर 50 पर्सेंट हो जाएगी जो इस समय 35 पर्सेंट है। पिछले साल निजी बैंकों के शेयरों में 20 पर्सेंट की गिरावट आई थी जबकि सरकारी बैंकों के शेयरों में 41 पर्सेंट की गिरावट आई थी।  

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