बांगलादेश के लोगों से कम हो सकती है भारतीयों की जीडीपी, पर अगले साल भारत निकल जाएगा आगे

मुंबई– पिछड़े देशों में गिने जाने वाले बांगलादेश के लोगों की जीडीपी भारत के लोगों की जीडीपी से ज्यादा हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह जानकारी दी है। आईएमएफ ने कहा है कि बांगलादेश में प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,888 डॉलर हो सकती है जबकि भारत में यह 1,877 डॉलर हो सकती है।   

आईएमएफ ने हालांकि इसी के साथ यह भी कहा है कि 2021 में भारत इसमें आगे हो जाएगा। 2021 में भारत में प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख 48 हजार 190 रुपए होगी। जबकि बांगलादेश के लोगों की जीडीपी एक लाख 45 हजार 270 रुपए होगी। अभी भारत में एक लाख 37 हजार 21 रुपए जबकि बांगलादेश में एक लाख 37 हजार 824 रुपए प्रति व्यक्ति जीडीपी है। यह आंकड़ा एक डॉलर पर 73 रुपए के आधार पर है।  

आईएमएफ ने कहा है कि पहली तिमाही के नतीजों ने भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला है। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में अभी इसकी मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। भारत की अर्थव्यवस्था की राह आगे काफी चुनौतीपूर्ण है। आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक पर नजर डालें तो कुछ ऐसा ही नजर आता है। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार देश की हालत बांगलादेश से भी बदतर होने वाली है। इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी बांगलादेश से भी नीचे हो जाएगी और यह सब कुछ लाकडाउन का असर है.

इस साल भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 10 पर्संट गिरावट आई है। जबकि बांगलादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 4 प्रतिशत की बढ़त है। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में, भारत कुछ साल पहले तक बांगलादेश से काफी ऊपर था। लेकिन देश में तेजी से निर्यात के कारण उसकी बढ़त में काफी अंतर आया है। इसके अलावाबीच की अवधि के दौरान जब भारत की बचत और निवेश काफी सुस्त थी तब बांगलादेश ने इसमें बाजी मार ली।

अगर आईएमएफ का अनुमान सही होता है तो भारत अपने क्षेत्र में जीडीपी के मामले में सिर्फ पाकिस्तान और नेपाल से आगे रह पाएगा। इसका मतलब है कि दक्षिण एशिया में भूटान, श्रीलंका, मालदीव और निश्चित रूप से बांगलादेश भारत से आगे होंगे। एक तरफ जहां भारत का प्रदर्शन गिर सकता है वहीं नेपाल और भूटान की अर्थव्यवस्था इस साल बढ़ने की उम्मीद है। भारत के लिए आईएमएफ का अनुमान आरबीआई के 9.5% अनुमान से भी बदतर है। यह विश्व बैंक के पहले के अनुमान की तुलना में भी निराशाजनक है। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021 में देश की जीडीपी में 9.6% की गिरावट की आशंका जताई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पेन और इटली के बाद भारत की जीडीपी में 10.3% की कमी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा गिरावट है। आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा है कि विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह सबसे बड़ी गिरावट होगी। आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा है कि चीन के अलावा अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाएं 2020 में 5.7 फीसदी की की कमी देखेंगी। रिपोर्ट ने भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में वायरस के फैलने से होने वाले जोखिम को भी बताया है। इन देशों की अर्थव्यवस्थाएं पर्यटन और कमोडिटीज़ जैसे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों पर निर्भर हैं।  

रिपोर्ट के साथ मौजूद आंकड़ों में कहा गया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था 1990-91 के संकट के बाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि श्रीलंका के बाद भारत के दक्षिण एशिया में सबसे खराब अर्थव्यवस्था होने की संभावना है। हालांकि आईएमएफ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2021 में भारत में रिकवरी भी तेज होगी जो प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक बार फिर भारत को बांग्लादेश से आगे निकाल देगा।
 

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