यूटीआई के आईपीओ पर निवेशकों का नहीं भरोसा, केवल 2 गुना भरा, मझगांव डाक का इश्यू 157 गुना भरा
मुंबई– इस हफ्ते खुले तीन आईपीओ आज बंद हो गए। इसमें सरकारी कंपनी मझगांव डाक शिपबिल्डर्स के आईपीओ को 157 गुना रिस्पांस मिला है। म्यूचुअल फंड कंपनी यूटीआई पर निवेशकों ने बिलकुल भरोसा नहीं दिखाया है। इसे महज 2 गुना रिस्पांस मिला है। जबकि केवल 61 करोड़ रुपए जुटाने उतरी लिखिता के आईपीओ को 6 गुना से ज्यादा रिस्पांस मिला है। इन तीनों आईपीओ में यूटीआई को छोड़ दें तो बाकी दो में रिटेल निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया है।
एक्सचेंज के आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक मझगांव डाक शिपबिल्डर्स के आईपीओ को 157.4 गुना रिस्पांस मिला था। इस साल आए हैपिएस्ट माइंड को 151 गुना रिस्पांस मिला था। जिसका रिकॉर्ड मझगांव ने तोड़ा है। मझगांव के आईपीओ के लिए 481.5 करोड शेयरों के लिए बोली मिली है। जबकि इसने केवल 3.06 करोड़ शेयर जारी किया था। इसमें गैर संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) का हिस्सा 679 गुना भरा। जबकि रिटेल निवेशकों का हिस्सा 35.5 गुना भरा है। क्यूआईबी का हिस्सा 89.7 गुना भरा है जबकि कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 3.9 गुना भरा है।
मझगांव डाक आईपीओ से 444 करोड़ रुपए जुटाने उतरी थी। ग्रे मार्केट में एक बार फिर आईपीओ को लेकर धूम है और इस बार माना जा रहा है कि मझगांव डाक दोगुना रिटर्न लिस्टिंग पर देगी। कंपनी ने 135-145 रुपए पर आईपीओ जारी किया था, जबकि ग्रे मार्केट में यह 110 रुपए ज्यादा चल रहा है। यानी इसकी लिस्टिंग 230 से ज्यादा हो सकती है। आज केमकॉन स्पेशियालिटी की लिस्टिंग 115 प्रतिशत ज्यादा जबकि कैम्स की लिस्टिंग 23 प्रतिशत ज्यादा पर हुई। यानी जिन निवेशकों ने आईपीओ में पैसा लगाया था, वे दस दिनों में ही अच्छा खासा मुनाफा कमा लिए हैं। मझगांव डाक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2,925 करोड़ रुपए होगा।
उधर लिखिता इंफ्रा का आईपीओ 6.4 गुना भरा है। इसमें रिटेल निवेशकों ने 15 गुना हिस्सा अपना भरा है। एनआईआई का हिस्सा 3.9 गुना और क्यूआईबी का हिस्सा 5 प्रतिशत भरा है। 2,100 करोड़ रुपए जुटाने उतरी यूटीआई म्यूचुअल फंड का आईपीओ निवेशकों ने पसंद नहीं किया है। इसे महज 2.3 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। इसे केवल 6.25 करोड़ शेयरों के लिए बोली मिली है जबकि कंपनी ने 2.73 करोड़ शेयर जारी किया था। कंपनी ने 644 करोड़ रुपए एंकर निवेशकों से जुटाया था। रिटेल निवेशकों ने 2.28 गुना पैसा लगाया जबकि कर्मचारियों ने 1.16 गुना पैसा लगाया। क्यूआईबी का हिस्सा 3.3 गुना भरा जबकि एनआईआई का हिस्सा 92 प्रतिशत भरा था। यूटीआई में इसके हिस्सेदारों पीएनबी, एलआईसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआई और टी रोवे प्राइस ने अपनी हिस्सेदारी बेची है। इसका मूल्य दायरा 552 से 554 रुपए तय किया गया था।