इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन 17,825 करोड़ रुपए का करेगी निवेश, गुजरात के रिफाइनरी में होगा इन्वेस्ट

मुंबई-देश की सबसे बड़ी ऑयल फर्म इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने मंगलवार को कहा कि वह 17,825 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह निवेश अपनी गुजरात रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने के लिए करेगी। इसके साथ-साथ मार्जिन के लिए पेट्रोकेमिकल कारोबार को बढ़ाने की योजनाओं के रूप में पेट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित किया जाएगा। 

शेयर बाजार में दी गई सूचना में कंपनी ने कहा कि 21 सितंबर को उसके बोर्ड ने गुजरात रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल और ल्यूब इंटीग्रेशन परियोजना को 17,825 करोड़ रुपए के अनुमानित रूप से लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के जरिए गुजरात में वडोदरा रिफाइनरी की क्षमता को 13.7 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 18 मिलियन टन करने का लक्ष्य है। इसी के साथ एक वर्ष में 5 लाख टन पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) प्रोजेक्ट और 2 लाख 35 हजार टन प्रति वर्ष ल्यूब ऑयल बेस स्टॉक (LOBS) इकाई का निर्माण किया जाएगा। 

आईओसी के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने बताया कि आईओसी पेट्रोकेमिकल निर्माण की क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है। टेक्सटाइल कारोबार में विविधता लाने पर विचार कर रही है। वैद्य ने कहा कि गुजरात रिफाइनरी परियोजना अगले दशक में पेट्रोकेमिकल क्षमता को 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की आईओसी की योजनाओं का हिस्सा है। वर्तमान में इसकी क्षमता प्रति वर्ष 32 लाख टन है। उन्होंने कहा कि इससे तेल बाजार में मार्जिन बढ़ेगी और अस्थिरता का बचाव होगा। 

आईओसी वर्तमान में ओडिशा में अपनी पारादीप रिफाइनरी में एक एथिलीन ग्लाइकोल परियोजना के साथ-साथ साइट पर एक पैराक्सिलीन/शुद्ध टेरेफ्थेलिक एसिड (पीएक्स/पीटीए) प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। गुजरात रिफाइनरी में एक्रेलिक/ऑक्सो-अल्कोहल परियोजना और हरियाणा में अपने पानीपत परिसर में नेफ्था पटाखा और पीएक्स/पीटीए की क्षमता विस्तार को भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फर्म इन परियोजनाओं पर 28,869 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। 

वैद्य ने कहा कि आईओसी 24.99 करोड़ टन प्रति वर्ष रिफाइनिंग क्षमता का एक तिहाई और देश में 71,046 रिटेल आउटलेट्स में से 29,831 पेट्रोल पंपों की मालिक है। कंपनी टेक्सटाइल में विस्तार करने के लिए अपने पेट्रोकेमिकल ऑपरेशंस का लाभ उठाने की योजना बना रही है। क्योंकि यह ऑपेरशन में विविधता लाने के लिए कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि आईओसी पहले से ही देश में पेट्रोकेमिकल्स में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। भविष्य में यह पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न, पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर और पॉलीब्यूटाडीन रबर जैसे नए सेगमेंट में एंट्री पर फोकस करेगी। फर्म की योजना ओडिशा के भद्रक में 1,970 करोड़ रुपए की कपड़ा निर्माण परियोजना बनाने की है। इस परियोजना में पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर (पीएसएफ), 1.08 लाख पॉलीस्टर स्टेपल फाइबर और 36000 टन फुल ड्रॉन यार्न (एफडीआइ) का उत्पादन करने वाली इकाइयां होने की उम्मीद है।   

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