कंपनियों के प्रमोटर्स ने कुल मार्केट कैप का 1.86 प्रतिशत शेयर गिरवी रखा

मुंबई- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। यह कुल मार्केट कैप की तुलना में 1.86 प्रतिशत शेयर हैं। इससे पहले यह 30 अप्रैल 2017 को सबसे उच्त स्तर पर था। उस समय यह 1.88 प्रतिशत पर पहुंच गया था।  

आंकड़ों के मुताबिक वैल्यू के लिहाज से प्रमोटर्स द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों में 55.97 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह जुलाई में 1.78 लाख करोड़ शेयर था। जबकि अगस्त में बढ़कर 2.77 लाख करोड़ शेयर हो गया। गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या में यह वृद्धि इसलिए हुई क्योंकि हिंदुस्तान जिंक और वेदांता ने डीलिस्टिंग की वजह से शेयरों को गिरवी रखा है। 31 अगस्त 2020 तक एनएसई के मेन बोर्ड की 1656 कंपनियों में से 463 कंपनियों ने शेयरों को गिरवी रखा था। जुलाई में कुल 461 कंपनियों ने शेयरों को गिरवी रखा था।   

दरअसल जब भी ज्यादा शेयरों को गिरवी रखा जाता है, निवेशकों के लिए यह अच्छा नहीं माना जाता है। क्योंकि जब बाजार नीचे होता है उस समय शेयरों में खरीदारी बढ़ जाती है और इससे कंपनियों के मैनेजमेंट में बदलाव होने की संभावना बढ़ जाती है। चौंकानेवाली बात यह है कि 29 ऐसी कंपनियां हैं जिसमें 100 प्रतिशत शेयर गिरवी रखे गए हैं।  

दूसरी ओर 81 ऐसी कंपनिया हैं, जिनके प्रमोटर्स ने 90 प्रतिशत से ज्यादा शेयरों को गिरवी रखा है। जबकि 192 कंपनियों के प्रमोटर्स ने 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयरों को गिरवी रखा है। सेबी ने जून 2019 की अपनी बोर्ड मीटिंग में यह अनिवार्य किया था कि यदि प्रमोटर्स कंपनी के 20 प्रतिशत शेयर या अपनी होल्डिंग का 50 प्रतिशत शेयर गिरवी रखते हैं तो उन्हें अलग से गिरवी रखने का कारण बताना होगा। 31 अगस्त तक इस तरह की 230 कंपनियां एनएसई पर लिस्ट हुई हैं।  

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