एसेंचर पूरी दुनिया में 25 हजार कर्मचारियों की करेगी छंटनी, भारत में 2 लाख कर्मचारी, 10,000 की होगी छुट्‌टी

मुंबई– वैश्विक स्तर की प्रोफेशनल सेवा देने वाली कंपनी एसेंचर पूरी दुनिया में 25 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के पूरी दुनिया में 5 लाख कर्मचारी हैं। भारत में इसके पास 2 लाख कर्मचारी हैं और इसमें से 10 हजार की कटौती हो सकती है। कंपनी उन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी जिनका प्रदर्शन कम है। साथ ही कुछ की छुट्‌टी कोरोना से बिजनेस पर पड़े असर के कारण होगी। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसेंचर के सीईओ जूली स्वीट ने इसी महीने में स्टॉफ की मीटिंग की थी। इसमें उन्होंने रिव्यू किया था। भारत में कंपनी के 2 लाख कर्मचारी हैं। एसेंचर ने कहा कि इस समय कंपनी एक्स्ट्रा आर्डिनरी ग्लोबल वर्कफोर्स एक्शंस का कोई प्लान नहीं कर रही है। हर साल हम अपने प्रदर्शन की प्रक्रिया के तहत स्टॉफ से बात करते हैं। उनके प्रदर्शन का रिव्यू होता है। हम हर साल उनके सुधार की एरिया, प्रगति की संभावनाओं और लंबे समय तक उनके टिकने के बारे में बात करते हैं। इस साल बिजनेस के सभी हिस्से और करियर लेवल पर करीबन 5 प्रतिशत कर्मचारियों की हम पहचान करेंगे, जिनका प्रदर्शन खराब है। इन लोगों को कंपनी से निकाला जाएगा। यह हर साल हम करते हैं। सीईओ ने ग्लोबल स्टॉफ मीटिंग में कहा कि एक सामान्य वर्ष में हम करीबन 5 प्रतिशत लोगों की छुट्‌टी करते हैं और उनका रिप्लेसमेंट भी करते हैं।  

उन्होंने कहा कि लेकिन इस साल हम रिप्लेसमेंट की उम्मीद नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमें जरूरत नहीं है। अगर हम 5 प्रतिशत को निकालते हैं और नई भर्ती नहीं करते हैं तो हम लगातार निवेश कर सकते हैं। साथ ही जब सुधार होगा तो हम कुछ लोगों की वापस भर्ती कर सकते हैं। इस साल 5 प्रतिशत के अतिरिक्त हमने ज्यादा कर्मचारियों की पहचान की है, जिनको अपने काम में सुधार करने की आवश्यकता है.एसेंचर ने कहा कि भारत में हम लगातार भर्ती कर रहे हैं। साथ ही हमने हाल में अपने कंपेनसेशन प्रोग्राम के तहत लोगों को बोनस और प्रमोशन के लिए भी पहचान की है।  

उन्होंने कहा कि सब कांट्रैक्टर्स की संख्या में कटिंग और नई भर्ती पर रोक के बावजूद कंपनी को अभी भी कर्मचारियों की संख्या कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी दूसरी तिमाही फरवरी में खत्म हुई है और हमने 8 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है। हालांकि कोरोना की महामारी के दौरान वृद्धि में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। कंपनी के पास वर्तमान में 5 लाख 9 हजार कर्मचारी हैं जो 120 देशों में ग्राहकों को सेवाएं देते हैं।   

मुश्किल में वोडाफोन-आइडिया; ग्राहकों को हाई स्पीड इंटरनेट देने का किया झूठा दावा

नई दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्रधिकरण (ट्राई) ने वोडाफोन-आइडिया को उसके प्रीमियम प्लान पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्राइवेट दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया पर ग्राहकों को गुमराह करने का आरोप है। ट्राई के मुताबिक कंपनी इस प्लान के जरिए तेज डेटा स्पीड का झूठा दावा कर रही है और ग्राहकों को गुमराह कर रही है। ट्राई ने कहा कि प्लान में ट्रांसपैरेंसी का अभाव है। यह रेगुलेटरी नियमों के विपरीत है।

ट्राई ने 31 अगस्त तक मांगा जवाब

नोटिस में रेगुलेटर ने वोडाफोन आइडिया से 31 अगस्त तक जवाब देने के लिए कहा है। नोटिस में कहा गया है कि रेडएक्स टैरिफ प्लान ( RedX premium plan) को बंद क्यों नहीं किया जाना चाहिए। कंपनी ट्राई के टेक्निकल टीम के समक्ष अपने इस दावे को साबित नहीं कर पाई। सूत्रों के मुताबिक भारती एयरटेल को कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया है। एयरटेल ने ट्राई के आदेश का पालन करने की बात कही है और स्वेच्छा से अपनी प्लैटिनम पेशकश में बदलाव किया है। इसलिए ट्राई उस पर जांच को आगे नहीं बढ़ा रहा है।

ट्राई वोडाफोन आइडिया के प्रायोरिटी प्लान रेडएक्स तथा भारती एयरटेल के प्लैटिनम प्लान की जांच कर रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि प्रायोरिटी प्लान के जरिए कुछ ग्राहकों को नेटवर्क में प्राथमिकता देने से कही बिना प्रीमियम सेवा वाले ग्राहकों की सेवाएं तो प्रभावित नहीं हो रही हैं। और क्या इनके तहत नियमों का किसी तरह का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। 

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