एनएसई पर सेबी ने 50 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई, नियमों के उल्लंघन का आरोप

मुंबई– पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 50 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। यह पेनाल्टी नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाई गई है। सेबी ने मंगलवार को जारी 35 पेज के ऑर्डर में यह जानकारी दी है। यह पेनाल्टी पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्णा के एनकैश लीव पेमेंट के मामले में लगाई गई है। 

सेबी ने कहा कि उसने वित्त मंत्रालय से मिले पत्र के आधार पर एनएसई की सालाना रिपोर्ट की जांच की थी। इस जांच में यह पता चला कि चित्रा को तीन सालों के कार्यकाल के दौरान कुल 44 करोड़ रुपए की सैलरी दी गई जबकि कार्यकाल के अंतिम 8 महीनों में उन्हें 23 करोड़ रुपए मिले। एनएसई की पॉलिसी के मुताबिक किसी भी कर्मचारी को 360 दिन का लीव एनकैशमेंट मिलता है। सेबी की जांच में पता चला कि चित्रा के 2016-17 के वित्त वर्ष के दौरान 8 महीने और दो दिन का कंपेनसेशन मंजूर हुआ था।  

सेबी के मुताबिक चित्रा को अलग से जो सैलरी या मेहनताना दिया गया था वह 168 दिन का था। यह 1.54 करोड़ रुपए था। सेबी ने कहा कि सैलरी या कंपेनसेशन के मामले में जो एनएसई की पॉलिसी है उसे सेबी की मंजूरी के बिना लागू नहीं किया जा सकता था। सेबी ने कहा कि उस समय के एमडी रवि नारायण और चित्रा रामकृष्णा ने 360 दिनों से ज्यादा के लीव को बिना सेबी की मंजूरी के ही लागू कर दिया था। सेबी ने इस आधार पर 7 फरवरी 2018 को इसकी जांच शुरू की।  

सेबी ने कहा कि 20 जून 2012 से ही एमडी की सैलरी को लेकर सेबी की मंजूरी अनिवार्य की गई थी। साथ ही कंपेनसेशन के मामले में भी सेबी की मंजूरी जरूरी थी। रामकृष्णा ने एनसई से दिसंबर 2016 में को लोकेशन के आरोप में इस्तीफा दे दिया था। एक्सचेंज ने अपनी सीनियर स्टॉफ से संबंधित इनकैश पॉलिसी को सबमिट किया था। सेबी ने पहले मामले में पाया कि कंपेनसेशन स्ट्रक्चर को बिना सेबी की मंजूरी के बदल दिया गया था। जबकि इसके लिए सेबी की मंजूरी लेनी जरूरी थी। लेकिन यह सब न होने पर सेबी ने मंगलवार को 50 लाख रुपए की पेनाल्टी सुना दी। 

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