ब्याज दरें कम होने के कारण कंपनियां अब डेट इंस्ट्रूमेंट के जरिए जुटा रही हैं पैसे

मुंबई- देश में कर्ज की ब्याज दरें निचले स्तर पर पहुंचने के कारण अब कॉर्पोरेट डेट बांड्स के जरिए पैसा जुटा रहा है। हाल में योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि के साथ विप्रो जैसी कुल 91 कंपनियों ने इसके जरिए पैसा जुटाया है। हालांकि एक साल पहले इसी अवधि में कुल 61 कंपनियां डेट बाजार से पैसे जुटाई थी। विश्लेषकों के मुताबिक पहली बार बांड जारी करने वाली कंपनियां डेट बाजार की ओर भाग रही हैं। क्योंकि उनको सस्ते में कर्ज मिल रहा है।  

योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और विप्रो एंटरप्राइजेज के साथ इस साल 91 कंपनियों ने डेट से पैसा जुटाया है। यह 2019 के बाद से एक पॉजिटिव संकेत है। 2019 में क्रेडिट की कमी के बीच जोखिम से बचने के लिए केवल 61 कंपनियों ने बांड बाजार से पैसा जुटाया था। बांड बिक्री में वृद्धि डेट मार्केट को और भी मजबूत बनाएगी जो निवेशकों के लिए और अधिक विकल्प प्रदान करेगा। साथ ही साथ ट्रैक रिकॉर्ड की कमी वाले उधारकर्ताओं के नोट खरीदने के जोखिम को बढ़ाएगा।

इश्यूअर्स के लिए डेट का सौदा मंदी की अर्थव्यवस्था में नकदी का निर्माण करने का अवसर होता है। भारत की बांड बिक्री में तेजी पूरे एशिया में डेट के उछाल के मुताबिक ही है। क्योंकि कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए बाजारों में कैश का फ्लो काफी बढ़ा हुआ है। यह भारत में दूसरे कर्ज की अपेक्षा आम तौर पर कम खर्चीला होता है।

आमतौर पर भारत में लोन प्राप्त करने की तुलना में एक बांड को बेचने के लिए लागत कम होती है, क्योंकि बैंक दुनिया के सबसे खराब डेट रेशियो से लड़ने के लिए लोन देने पर अंकुश लगा रहे हैं। टॉप रेटेड तीन साल के नोट्स का औसत ब्याज 5.09 प्रतिशत रहा है जो देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में समान अवधि के लोन की तुलना में 2.21 प्रतिशत सस्ता है।

दरअसल महामारी का मुकाबला करने के लिए आरबीआई और सरकार द्वारा उठाए गए आर्थिक कदमों के मद्देनजर बांड पर उधार लेने की लागत काफी गिर गई है। इन कदमों में ब्याज दरों में साल 2000 के बाद से सबसे निचले स्तर तक कटौती करना, व्यक्तियों तथा व्यवसायों के लिए लोन रिपेमेंट को स्थगित करने जैसे कदम शामिल थे। कुछ निवेशकों को चिंता है कि कोरोना राहत के उपाय क्रेडिट हेल्थ के बिजनेस की सही तस्वीर पेश नहीं कर रहे हैं। लेकिन बांड यील्ड प्रीमियम बताते हैं कि बाजार ने ऐसे कदमों का स्वागत किया है।

टॉप रेटेड तीन साल के कॉर्पोरेट नोट्स और इसी तरह की समान अवधि के सरकारी डेट के बीच प्रसार (स्प्रेड) पिछले महीने 22.4 बेसिस पॉइंट तक गिर गया जो अक्टूबर 2005 के बाद से सबसे निचला स्तर है। यह अंतर शुक्रवार को 23 बेसिस प्वाइंट्स पर रहा। 123 साल पुराने समूह का हिस्सा गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जुलाई में 7.5 अरब रुपए जुटाए, जबकि सरकारी कंपनी आर सी एफ लिमिटेड ने इस महीने 5 अरब रुपए जुटाए।

सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पिछले दिनों जिस तरह से ब्याज दरों में कटौती हुई और प्रोत्साहन कदम उठाए गए, कर्ज की दरें 15 साल में सबसे सस्ती हो गई हैं। इससे घरेलू बांड मार्केट का आकर्षण बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में पहली बार बांड जारी करने वाले भारत के डेट बाजार की ओर तेजी से भाग रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *