लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों ने सोना गिरवी रखकर खरीदा खाने पीने का सामान, च्यवनप्राश से लेकर नूडल्स की बिक्री बढ़ी, जानिए कहां -कहां ज्यादा खर्च किया लोगों ने
(अर्थलाभ संवाददाता)
मुंबई- कोरोना महामारी के दौरान सैलरी कटौती, नौकरी न होने से लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि इससे निपटने के लिए लोगों ने सोने के एवज में लोन लेकर खाने पीने का सामान खरीदा। मतलब इमर्जेंसी में उनके लिए सोना एक बार फिर सहारा बना। यह अलग बात है कि पिछले एक दो महीनों में सोने ने अपना महंगाई का लेवल भी दिखा दिया है। इस दौरान लोगों ने च्यवनप्राश और नूडल्स जैसे पैकेज्ड फूड की ज्यादा खरीदारी की।
कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन ने भारतीय कंज्यूमर्स की आदतों को बदल दिया है। उनके खर्च करने की तरीके भी बदल गए हैं। अब वे फालतू खर्च की बजाय अपने स्वास्थ्य, स्वच्छता से लेकर घर पर बोरियत मिटाने के लिए मनोरंजन के साधन पर सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इनसे संबंधित कंपनियों को अच्छी खासी कमाई हो रही है। भारतीय कंज्यूमर के बीच ये अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे।
कोरोना ने साफ-सफाई और हाइजीन की अहमियत को साबित किया है। भारत में अभी तक हाइजीन के स्टैंडर्ड विकसित देशों जैसे नहीं हैं लेकिन, अब इनमें बदलाव आता दिख रहा है। लोगों के खाने-पीने की आदतें भी इस वायरस के साथ बदलती दिख रही हैं। इस समय ग्राहक अपने हेल्थ को लेकर ज्यादा सजग हैं। इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स के प्रति रुचि दिखा रहे हैं। यही वजह है कि भारत में इस समय च्वयनप्राश, शहद और घी से लेकर हल्दी तक की खरीदारी में जबरदस्त तेजी देखी गई है।
नील्सन होल्डिंग्स पीएलसी के अनुसार, जून में डाबर च्यवनप्राश की बिक्री 283% बढ़ी और डाबर शहद की बिक्री में 39% इजाफा हुआ है। डाबर इंडिया के मुताबिक, च्यवनप्राश की बिक्री में अप्रैल से जून तक 7 गुना इजाफा हुआ है। च्यवनप्राश इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। इस वजह से अगले कुछ माह तक इसकी बिक्री अच्छी होने की संभावना है। कंपनी ने मुताबिक, इम्यूनिटी बूस्टर, हेल्थ और हाइजीन संबंधित प्रोडक्ट् पर ग्राहक अधिक खर्च करना चाहते हैं। वहीं, ब्रिकवर्क रेटिंग्स के अनुसार, योग गुरू रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने भी अप्रैल और जून के बीच अच्छी खासी कमाई की है। रामदेव का दावा है कि जून में लॉन्च की गई कोरोना किट कोरोनील की जबरदस्त बिक्री हो रही है। डिमांड इतनी है कि पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से पैकेज्ड फूड्स की बिक्री में उछाल देखी गई। क्योंकि ज्यादातर घर में रहनेवाले ग्राहक इस तरह की खरीदी कर रहे थे। इसमें प्रमुख रूप से ब्रेकफास्ट वाले आइटम ज्यादा थे। इसके बाद इंस्टैंट नूडल्स, राइस और कूकिंग फैट्स जैसे प्रोडक्ट की भी मजबूत बिक्री हुई। हालांकि इसी समय स्टॉक की कमी से जो मांग थी उसे कंपनियां पूरा भी नहीं कर पाईँ। नेस्ले इंडिया जिसकी इंस्टैंट मैगी नूडल्स काफी लोकप्रिय है, इसके रेवेन्यू में अच्छी वृद्धि देखी गई है। मार्च में समाप्त तिमाही में इसके रेवेन्यू में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
कोरोना काल की वजह से कई लोगों को घर से बैठकर काम करना पड़ा, जिसकी वजह से पर्सनल कंप्यूटर की मांग में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के अनुसार साल 2020 की तिमाही में पूरे विश्व में पर्सनल कंप्यूटर की शिपमेंट 11.2 फीसदी की बढ़त देखी गई है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि एचपी लैपटॉप सबसे ज्यादा बिक रहे हैं, इन लैपटॉप की 25 फीसदी बिक्री हुई है। इसके बाद कुल लैपटॉप का 24.1 फीसदी लेनोवो बिका और डेल 16.1 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ टॉप तीन में आखिरी स्थान पर है।