रिलायंस इंडस्ट्रीज का लाभ 30.97 प्रतिशत बढ़ा, जियो ने किया बेहतर प्रदर्शन

मुंबई-चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को 13,248 करोड़ रुपए का कंसोलिडेटेड लाभ हुआ है। जबकि इसी अवधि में इसका रेवेन्यू एक लाख 929 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक साल पहले समान अवधि में कंपनी को 10 हजार 104 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। कंपनी के लाभ में 30.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि इसके रेवेन्यू में करीबन 42 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

कंपनी के लाभ में यह भारी वृद्धि उसकी अन्य आय के कारण हुई है। इसकी अन्य आय इसी तिमाही में 54 प्रतिशत बढ़कर 4,388 करोड़ रुपए रही है। कंपनी ने इसी दौरान अपने कुल एक्सपेंडिचर में भारी कमी की है। इसका एक्सपेंडिचर 42 प्रतिशत घट कर 87,406 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले यह 1,50,858 करोड़ रुपए था। कंसोलिडेटेड आधार पर इसकी कुल आय 42 प्रतिशत कम रही है। यह 95,626 करोड़ रुपए रही है। 

आरआईएल ने बताया कि उसका इबिट्डा इस दौरान कंसोलिडेटेड आधार पर 21,585 करोड़ रुपए रहा है। रिजल्ट के मुताबिक तिमाही के दौरान इसका कुल कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 100,929 करोड़ रुपए रहा है। लॉकडाउन के बावजूद इसका लाभ 13,248 करोड़ रुपए रहा है। कैश प्रॉफिट के रूप में कंपनी ने 18,893 करोड़ रुपए हासिल किया है। एक साल पहले समान तिमाही की तुलना में यह 16.7 प्रतिशत ज्यादा है। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताया कि इसका ईपीएस तिमाही के दौरान 29.7 रुपए प्रति शेयर रहा है। इसमें 22.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह स्टैंडअलोन की बात करें तो कंपनी का इबिट्डा 11339 करोड़ रुपए रहा है। शुद्ध लाभ 9,753 करोड़ रुपए रहा है जो 7.9 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी ने इस दौरान कुल 32,681 करोड़ रुपए का निर्यात किया। 

इस बारे में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन से मांग प्रभावित रही है। फिर भी हमने करीबन सामान्य स्थितियों की तरह कंपनी को चलाया है और बेहतर रिजल्ट दिया है। हमारा कंज्यूमर बिजनेस व्यक्तिगत और बिजनेस के लिए एक लाइफ लाइन बन चुका है। हमारी रिटेल और जियो टीम ने कड़ी मेहनत की है ताकि लाखों लोगों तक जरूरी सामानों और सेवाओं की पहुंच हो सके।कंपनी ने बताया कि उसने जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी बेचकर और राइट्स इश्यू तथा बीपी की डील के साथ कुल 212,809 करोड़ रुपए जुटाई थी। रिलायंस की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस ने लॉकडाउन में 90 प्रतिशत क्षमता के साथ कारोबार किया था। 


कंपनी ने बताया कि उसके जियो इंफोकॉम का जून तिमाही में कुल रेवेन्यू 19,513 करोड़ रुपए रहा है। जो एक साल पहले 14,593 करोड़ की तुलना में 33.7 प्रतिशत ज्यादा है। इबिट्डा इसी अवधि में 4,686 करोड़ से बढ़कर 7,281 करोड़ रुपए रहा है। इसमें 55.5 प्रतिशत की वृद्धि रही है। शुद्ध लाभ 182 प्रतिशत बढ़ा है। यह 891 करोड़ से बढ़कर 2,520 करोड़ रुपए रहा है। इसका इबिट्डा मार्जिन इसी अवधि में 37.8 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गया है। प्रति ग्राहक औसत यूज 140.3 रुपए रहा है। वायरलेस डाटा ट्रैफिक-1,420 करोड़ जीबी रहा है। 

इसी तरह आरआईएल के स्टैंडअलोन रिजल्ट को देखें तो इसका रेवेन्यू 52,263 करोड़ रुपए रहा है। इसका इबिट्डा 11,339 करोड़ रुपए रहा है। शुद्ध लाभ 9,753 करोड़ रुपए रहा है। निर्यात 32,681 करोड़ रुपए रहा है। रिलायंस रिटेल का कंसोलिडेटेड रिजल्ट देखें तो इसका रेवेन्यू 31,633 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 38,216 करोड़ रुपए था। इसमें 17.2 प्रतिशत की कमी आई है। इबिट्डा 1,083 करोड़ रुपए रहा है जो एक साल पहले 2,060 करोड़ रुपए था। इसमें 47.4 प्रतिशत की कमी आई है। 

ओटूसी रिफाइनिंग की बात करें तो इसका रेवेन्यू 46,642 करोड़ रुपए रहा है। इसमें 54.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह एक साल पहले 101,721 करोड़ रुपए था। इबिट्डा 3,818 करोड़ रहा है जो एक साल पहले 5,143 करोड़ की तुलना में 25.8 प्रतिशत कम रहा है। इबिट्डा मार्जिन 16.6 प्रतिशत रहा है। एक साल पहले यह 17.5 प्रतिशत था। 

ओटूसी पेट्रोकेमिकल्स का रेवेन्यू 33 प्रतिशत कम हुआ 

ओटूसी -पेट्रोकेमिकल्स का रेवेन्यू 33 प्रतिशत घटा है। यह 25,192 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले यह 37,611 करोड़ रुपए था। इसका इबिट्डा मार्जिन जून 2020 में 17.6 प्रतिशत था। एक साल पहले जून 2019 में 23.4 प्रतिशत था। 

कंपनी का रिजल्ट पहले 23 जुलाई को आना था। बाद में इसे टाल कर 30 जुलाई कर दिया गया। हालांकि इसी दौरान इसकी टेलीकॉम कंपनी जियो ने अच्छा लाभ कमाया है। उधर कंपनी का शेयर बीएसई पर आज मामूली बढ़त के साथ 2,108 रुपए पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अप्रैल से जून तिमाही का रिजल्ट गुरुवार को जारी किया। 

एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी का रेवेन्यू 1,56,976 करोड़ रुपए था। ब्रोकरेज हाउसों ने पहले से ही अनुमान लगाया था कि कंपनी के मुनाफे में इस तिमाही में गिरावट आएगी। हालांकि मार्च की तुलना में लाभ बढ़ने की संभावना जताई गई थी। बता दें कि कंपनी ने जियो में हिस्सेदारी बेचकर पिछले तीन महीनों में 1.50 लाख करोड़ से ज्यादा की रकम जुटाई थी। साथ ही इसने राइट्स इश्यू से भी 53 हजार करोड़ रुपए जुटाई थी। 

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