अमेरिका से भारत में इस साल एफडीआई का आंकड़ा 40 अरब डॉलर के पार, पर आधा हिस्सा मुकेश अंबानी की जेब में

मुंबई– अमेरिका से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इस साल अब तक 40 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है। यह देश में अमेरिकी कंपनियों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। यह बात बिजनेस एडवोकेसी ग्रुप के प्रमुख ने कही।

भारत में अमेरिका की एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को ट्रैक करने वाले अमेरिका-भारत स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों ने विश्व अर्थव्यवस्था को पस्त करने वाली कोविड-19 महामारी के दौरान भारत और उसके नेतृत्व पर काफी भरोसा दिखाया है। हाल के दिनों में अमेरिका ने अब तक 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश भारत में किया है।

उन्होंने गूगल, फेसबुक और वॉलमार्ट जैसी कुछ शीर्ष कंपनियों द्वारा की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हाल के हफ्तों में ही भारत में एफडीआई की घोषणा 20 अरब डॉलर से अधिक रही है। भारत में निवेशकों का विश्वास अधिक है। भारत अभी भी वैश्विक निवेशकों के लिए एक बहुत ही आशावादी बाजार बना हुआ है। यदि आप 20 अरब डॉलर को देखें तो निवेश न सिर्फ अमेरिका, बल्कि मध्य पूर्व और मध्य पूर्व जैसे अन्य क्षेत्रों से आया है। अघी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसलिए भारत अभी भी निवेश करने वालों के लिए बहुत ही तेजी का बाजार बना हुआ है।

इस हफ्ते की शुरुआत में व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने संवाददाताओं से कहा कि गूगल और फेसबुक जैसे अमेरिकी टेक दिग्गजों ने भारत में बड़े निवेश की घोषणा करते हुए दिखाया है कि लोग चीन पर भरोसा खो रहे हैं और भारत एक बड़े प्रतियोगी के रूप में उभर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत संरक्षणवादी देश (protectionist country) बना हुआ है। प्रश्न यह है कि आप संरक्षणवाद को कैसे परिभाषित करते हैं। अघी ने आगे कहा कि यहां का प्रशासन “अमेरिका फर्स्ट” कह रहा है जबकि भारत का प्रशासन “वोकल फ़ॉर लोकल” की बात पर जोर दे रहा है।

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