कोरोना की महामारी के असर को कम करने के लिए ऑफिस के वर्कफोर्स को अब सेल्सफोर्स में बदलेगा एसबीआई

मुंबई- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चैयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि लागत में कमी, रेशनाइलेजेशन और वर्कफोर्स की री-स्किलिंग पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, यह बैंक कोविड 19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए ऑफिस में तैनात वर्कफोर्स को अब सेल्स में तैनात करेगा। इससे कर्मचारियों के काम में सुधार करेगा। एसबीआई चेयरमैन बैंक के एजीएम में बोल रहे थे। कुमार ने बैंक की 65 वीं एजीएम में शेयरधारकों को बताया कि असेट और ब्रांच नेटवर्क के लिहाज से देश के सबसे बड़े बैंक ने इस तरह की लागत की योजना (cost optimization) से 1000 करोड़ रुपए बचाने का उद्देश्य है। यह एजीएम वर्चुअल तरीके से की गई थी।

उन्होंने कहा कि उभरते हुए तनाव पर बैंक लगातार निगरानी रखेगा और सक्रिय होकर कार्रवाई करेगा, ताकि हमारे ग्राहकों की मदद की जा सके और असेट्स की क्वालिटी बनाई रखी जा सके। कुमार ने कहा कि बैंक ने सभी परियोजनाओं की निगरानी तेज कर दी है और जल्द ही कोविड के प्रभाव से उबरने की संभावना है। बैंक के पर्सनल लोन में 15.40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जिससे वित्त वर्ष 2020 में कुल उधारी 5.64 प्रतिशत बढ़कर 24.23 लाख करोड़ रुपए हो गई। एक साल पहले यह 22.93 लाख करोड़ रुपए थी।

एसबीआई चेयरमैन कुमार का तीन साल का कार्यकाल इस साल के अंत में खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण वित्त वर्ष 2021 चुनौतीपूर्ण वर्ष होगा। हालांकि एसबीआई की 44 करोड़ ग्राहकों की मजबूत लायबिलिटी फ्रेंचाइजी के साथ डाइवर्सिफाइ लोन पोर्टफोलियो, डिजिटल बैंकिंग चैनलों के जरिए हमें इस मुश्किल समय से निपटने में मदद मिलेगी।

कुमार ने कहा कि एसबीआई अपने योनो डिजिटल बैंकिंग ऐप को और ज्यादा बढ़ाएगा। बैंक ने अगले छह महीनों में एंड टू एंड होम लोन, प्री-अप्रूव्ड कार लोन और पर्सनल गोल्ड लोन जैसे प्लेटफॉर्म पर नए एडिक्शन के साथ यूजर रजिस्ट्रेशन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2020 में बैंक की डिपॉजिट में 11.34 प्रतिशत की वृद्धि रही। यह 32.42 लाख करोड़ रुपए हो गई। इससे पहले के साल में यह 29.11 लाख करोड़ रुपए थी। इसके चलते इसका मार्केट शेयर 46 बेसिस पॉइंट बढ़कर 22.84 प्रतिशत हो गया।

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