बैंकों ने ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई को 56,091 करोड़ रुपए बांटा

मुंबई- बैंकों ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को 1,14,502 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया है। हालांकि इसमें से केवल 56,091.18 करोड़ रुपए का कर्ज ही लोगों को दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। यह आंकड़ा चार जुलाई तक का है।

बता दें कि कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज में वित्तीय सुविधा वाली यह सबसे बड़ी योजना है। इसके तहत 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बांटना था। वित्त मंत्रालय द्वारा ईसीएलजीएस के जारी ताजा आंकड़ों में सभी 12 सरकारी बैंकों, 20 निजी क्षेत्र के बैंकों तथा 10 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा किया गया वितरण शामिल है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि 4 जुलाई तक सरकारी और निजी बैंकों ने ईसीएलजीएस के तहत 1,14,502.58 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसमें से 56,091.18 करोड़ रुपए वितरित किये जा चुके हैं। मंजूर राशि में सरकारी बैंकों का हिस्सा 65,863.63 करोड़ रुपए रहा है। जबकि इसमें से  35,575.48 करोड़ रुपए की राशि बांटी गई। निजी क्षेत्र के बैंकों ने 48,638.96 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया और 20,515 करोड़ रुपए का कर्ज वितरित किया। इसमें से 20,515 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है।

सीतारमण ने कहा कि एक जुलाई, 2020 की तुलना में इस कर्ज मंजूरी में 4,158 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। इस दौरान कर्ज वितरण में 3,835 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई। एसबीआई ने इस योजना के तहत 20,628 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया है। जबकि 13,405 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा है। पंजाब नेशनल बैंक ने 8,689 करोड़ रुपए की मंजूरी और  2,595 करोड़ रुपए का वितरण किया है।

बैंकों के इस कर्ज में महाराष्ट्र की कंपनियों को सबसे अधिक 6,856 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया जबकि 3,605 करोड़ रुपए का कर्ज वितरित किया। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु रहा। यहां 6,616 करोड़ रुपए के कर्ज को मंजूर किया गया और 3,871 करोड़ रुपए के कर्ज को बांटा गया।

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