स्टार्टअप्स को पैसे मिलने में हो रही है भारी दिक्कत, लॉकडाउन की तुलना में केवल 8 प्रतिशत को मिली पूंजी

मुंबई- कोरोना महामारी ने देश के स्टार्टअप्स में होने वाले निवेश को प्रभावित किया है। इस तरह के स्टार्टअप्स अपने विकास के लिए ऐसे निवेश पर काफी निर्भर रहते हैं। भारतीय स्टार्टअप्स पर कोविड-19 का पड़ने वाले प्रभाव पर फिक्की-आईएएन सर्वेक्षण के अनुसार, 250 से अधिक स्टार्टअप्स का सर्वेक्षण किया गया। लॉकडाउन से पहले की तुलना में केवल 8 प्रतिशत को ही पैसा मिला है।

सर्वे के अनुसार 33 प्रतिशत स्टार्टअप्स ने कहा कि उनके निवेशकों ने अपने फैसलों को रोक दिया है। 17 प्रतिशत स्टार्ट अप ने निवेशकों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन अभी तक फंड मिलना बाकी है। 10 प्रतिशत ने कहा कि उनके निवेशकों ने सौदों को रद्द कर दिया है। 32 प्रतिशत स्टार्टअप्स ने कहा कि उनके निवेशकों ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है कि वे निवेश करना चाहते हैं या नहीं।

पूंजी की दिक्कतों से जूझ रहे स्टार्टअप्स ने कहा कि उनमें से 35 प्रतिशत को व्यापार की गतिविधियों पर रोक लगानी पड़ी। 33 प्रतिशत ने कंपनी के विस्तार या मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को होल्ड पर रखा है। 23 प्रतिशत ने बिक्री के अवसरों में नुकसान बताया और 9 प्रतिशत ने कहा कि कंपनी की कुल लागत में वृद्धि हुई है।

फिक्की का कहना है कि आईएएन पोर्टफोलियो वाली कंपनियों की मदद करने के लिए उनकी वर्किंग कैपिटल बढ़ानी चाहिए। व्यापार में निरंतरता सुनिश्चित करने और लोन देने वालों के साथ साझेदारी करने के लिए IAN ने हाल ही में एक डेट फंड की घोषणा की है। बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स को इन कठिन समय से बचने के लिए पैसे के रूप में सहायता प्रदान की जा सके।

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